पत्रकार .......
लोकतंत्र का इक,
अभिन्न अंग है, पत्रकार।
नाम कलम से, काम कलम से,
है ,युग निर्माता पत्रकार।
हिंसा और आतंक मिटाने की,
चेष्ठा है पत्रकार।
घटनाओं का आंखों देखा,
लेख है, लिखता पत्रकार।
जन-जन तक ख़बरें पहुंचाकर,
दायित्व निभाता पत्रकार।
दिखता नही सुबह का सूरज,
फिर कलम पकड़ता पत्रकार।
अविलम्बित ये मानव ऐसा ,
बेबाक टिप्पणी पत्रकार।
ये भी एक विडम्बना है,
आतंकित है पत्रकार।
हो जाए चाहे जो कुछ भी,
पर निडर व्यक्ति है पत्रकार।
समय अनिश्चित,
कार्य अनिश्चित,
पर निश्चित है, पत्रकार।
एक सिपाही बंदूको,
से एक सिपाही कमलकार,
लोकतंत्र का पत्रकार,
ये लोकतंत्र का पत्रकार।
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