गाँधी हुए नीलाम........
गांधीजी की चीजों की नीलामी पूरी हो गयी है. गांधीजी की चीजों को भारतीय कारोबारी विजय मल्ल्या ने तक़रीबन १.८ मिलियन डॉलर यानि ८ करोड़ से ज्यादा रुपयों में खरीद लिया है. श्री मल्ल्या इन सारी चीजों को भारत सरकार के हाथ सौंप देंगे. कई दिनों से इस नीलामी को लेकर विवाद जारी था, इस नीलामी में गांधीजी की कई निजी चीजें शामिल थी। न्यूयार्क में हुई नीलामी में गांधीजी की पाकेट घङी, चमङे की चप्पल, उनका चश्मा, पीतल की थाली और एक कटोरी को खरीदने के लिए लोगोने बोली लगायी. इस समय विजय मल्ल्या की ओर से टोनी बेदी ने इन चीजों पर बोली लगायी और अंत में इन्हें जीत लिया. इन चीजों को खरीदने के लिए १२ लोगों ने फ़ोन पर और १२ लोगों ने इन्टरनेट के ज़रिये बोली लगायी. और कई लोग इन चीजों पर बोली लगाने के लिए वहां मौजूद थे. इस नीलामी के लिए दुसरे नंबर की बोली इंग्लैंड से लगी थी, ये बोली १.७५ मिलियन डॉलर के करीब थी, इस बोली को लगाने वाली पार्टी ने इन्टरनेट के जरिये इस नीलामी में शामिल हुई थी. नीलामीघर एंटी कोरम को उम्मीद थी कि इन चीजों पर ३०,००० डालर यानि तक़रीबन १५ लाख रुपयों की बोली लगेगी लेकिन अंत में गांधीजी की इन चीजों की कीमत कहीं ज्यादा निकली. इन चीजों को वापस लाने के लिए भारत सरकार और संत सिंह चटवाल जैसे भारतीय अमेरिकी कारोबरियोने भी दिलचस्पी दिखाई थी.भारत सरकार द्वारा इस नीलामी को रोकने के सारे प्रयास नाकामयाब रहे हैं. इन वस्तुओं के मालिक जेम्स ओटिस ने कहा था कि अगर भारत सरकार बजट का बड़ा हिस्सा गरीबों के लिए खर्च करने का वचन दे तो वह इस नीलामी को रोक देंगे. ओटिस ये भी चाह रहे थे कि गांधीजी की वस्तुओं की ऐसी चलती फिरती प्रदर्शनी हो जिसे दुनिया भर के लोग देख सकें और गांधीजी के विचारों से परिचित हो सके. लेकिन जेम्स ओटिस और सरकार के बीच कोई समझौता नहीं हो पाया और इन चीजों की नीलामी तय हो गयी.हांलाकि इस सब के बावजूद कुछ सवाल अभी भी बने हुये हैं क्या इस नीलामी को भारत अब कानूनी तौर पर मंजूरी देगा ? क्या विजय मल्ल्या इन चीजों को भारत सरकार के हवाले करेंगे? क्योंकि भारत के कोर्ट ने इस नीलामी को ग़ैरकानूनी करार दिया था, वहीं इन चीजों को नीलामी घर को देने वाले जेम्स ओटिस ने कहा है कि इस पूरे मामले को लेकर वह २३ दिन के लिए उपवास रखेंगे. .
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