मंगलवार, 3 मार्च 2009

ये क्या हो गया है......
"हर ख़ुशी हैं लोगों के दामन मे,
पर एक हंसी के लिए वक़्त नहीं
दिन रात दौड़ती दुनिया मे
ज़िन्दगी के लिए ही वक़्त नहीं
माँ की लोरी का एहसास तो हैं
पर माँ को माँ कहने का वक़्त नहीं
सारे रिश्तों को तो हम मार चुके हैं
अब उन्हें दफ़नाने का भी वक़्त नहीं
सारे नाम मोबाइल मे हैं
पर दोस्ती के लिए वक़्त नहीं
गैरो की क्या बात करे
जब अपनों के लिए ही वक़्त नहीं
आँखों मैं हैं नींद बड़ी पर सोने का वक़्त नहीं
दिल हैं ग़मों से भरा हुआ
पर रोने का भी वक़्त नहीं
पैसे की दौड़ मैं ऐसे दौडे
की थकने का भी वक़्त नहीं
पराये एहसासों की क्या क़द्र करे
जब अपने सपनो के लिए ही वक़्त नहीं
तू ही बता ऐ ज़िन्दगी
इस ज़िन्दगी का क्या होगा की
हर पल मरने वालों को
जीने के लिए भी वक़्त नहीं.....
"I luv these beautiful lines...."
मुश्किलों मे भाग जाना आसान होता हैं
हर पहलु ज़िन्दगी का इम्तिहान होता हैं
डरने वालों को कुछ मिलता नहीं ज़िन्दगी मे
और लड़ने वालों के कदमो मे जहाँ होता है....

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